हैदराबाद ०५ अक्टूबर (सियासत न्यूज़) नबी आख़िर-ऊज़-ज़मा ख़ातिम पीग़मबरां सय्यद एल्मर सिलीन की शान अक़्दस में किसी भी तरह की गुस्ताख़ी को बर्दाश्त नहीं करसकते । आलमी सतह पर शान रसालतऐ में गुस्ताख़ी के ख़िलाफ़ जारी एहतिजाज पर मग़रिबी दुनिया को तन्क़ीद करने के बजाय उन के जज़बात को महसूस करते हुए फ़ौरी तौर पर गुस्ताखाना फ़िल्म को इंटरनैट से हटाने के इक़दामात करें और प्रोडयूसर के ख़िलाफ़ आज़ादी इज़हार-ए-ख़्याल के नाम पर मज़हबी मुनाफ़िरत-ओ-तहक़ीर मज़ाहिब के तहत क़ानूनी चाराजोई करते हुए उसे कुफ्र किरदार तक पहोनचाए ।
तलगोदीशम क़ाइदीन जनाब ज़ाहिद अली ख़ान रुकन पोलीट ब्यूरो , जनाब इबराहीम बिन अबदुल्लाह मसक़ती रुकन क़ानूनसाज़ कौंसल , जनाब नूर मुहम्मद फ़ारूक़ साबिक़ रियास्ती वज़ीर और जनाब अल्हाज मुहम्मद सलीम साबिक़ सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड ने आज जारी करदा अपने एक ब्यान में ये बात कही । इन क़ाइदीन ने बताया कि किसी भी तहज़ीब में आज़ादी इज़हार-ए-ख़्याल का मतलब ये नहीं होता कि किसी के मज़हबी जज़बात को ठेस पहोनचाए ।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने बताया कि बैन-उल-अक़वामी मुस्लमानों की जानिब से शान रसालतऐ में की गई गुस्ताख़ी के ख़िलाफ़ एहतिजाज से ये बात वाज़िह होती है कि हुकूमत अमरीका के ख़िलाफ़ मुस्लमानों में शदीद ब्रहमी पाई जाती है और मुस्लमान नामूस रिसालत सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम केलिए अपनी जान भी क़ुर्बान करने से पीछे नहीं हटते । उन्हों ने मुतालिबा किया कि फ़ौरी तौर पर यूट्यूब से मज़कूरा गुस्ताखाना फ़िल्म को हटाया जाना चाहिए और अगर मर्कज़ी हुकूमत चाहे तो इस सिलसिले में फ़ौरी कार्रवाई कर सकती है ।
लेकिन अफ़सोस कि मर्कज़ी हुकूमत इस सिलसिले में इक़दाम करने के बजाय सिर्फ ऐलान से काम ले रही है । जनाब इबराहीम बिन अबदुल्लाह मसक़ती गुस्ताखाना फ़िल्म को एक मुनज़्ज़म साज़िश क़रार देते हुए कहा कि मग़रिबी दुनिया मुस्लमानों के ख़िलाफ़ माहौल तैय्यार करने केलिए इहानत रसोलऐ पर उतर आई है ।
उन्हों ने इस तरह की हरकात को काबिल-ए-मुज़म्मत क़रार देते हुए कहा कि अगर फ़ौरी तौर पर मर्कज़ी हुकूमत की जानिब से इस फ़िल्म को यू टयूब से हटाने के इक़दामात नहीं किए जाते हैं तो ऐसी सूरत में अहमदाबाद में लगी आग दीगर शहरों तक फैल सकती है चूँकि मुस्लमान सब कुछ बर्दाश्त करसकते हैं लेकिन शान रिसालत सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम में गुस्ताख़ी बर्दाश्त नहीं कर सकते ।
जनाब नूर मुहम्मद फ़ारूक़ साबिक़ रियास्ती वज़ीर ने हुकूमत अमरीका की जानिब से इख़तियार करदा रवैय्या को अफ़सोसनाक क़रार देते हुए कहा कि अमरीकी हुकूमत एक तरफ़ फ़िल्म की तैय्यारी की मुज़म्मत कररही है तो दूसरी जानिब उसे इज़हार-ए-आज़ादी ख़्याल के नाम पर नाक़ाबिल एतराज़ क़रार देने की मुजरिमाना कोशिश कर रही है ।
उन्हों ने मर्कज़ी हुकूमत से ख़ाहिश की कि अगर मर्कज़ी हुकूमत मुस्लमानों के जज़बात का इज़हार करती है तो मर्कज़ी हुकूमत के वज़ारत-ए-दाख़िला को चाहिए कि फ़ौरी तौर पर मुताल्लिक़ा वज़ारतों के ज़िम्मा दारान से मुशावरत करते हुए गुस्ताखाना फ़िल्म की इंटरनैट पर नशरियात को फ़ौरी रोक दे ।
अल्हाज मुहम्मद सलीम ने बताया कि मुस्लमान आक़ाए नामदार सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम की नामूस की हिफ़ाज़त की ख़ातिर अपनी हर शए क़ुर्बान कर सकता है ।
उन्हों ने कहा कि अगर मर्कज़ी हुकूमत मलिक के सैकूलर किरदार को बरक़रार रखे हुए है तो हुकूमत को चाहिए कि फ़ौरी तौर पर यू टयूब से फ़िल्म को हटाने के इक़दामात करें । इन तलगोदीशम क़ाइदीन ने बताया कि अमरीकी हुकूमत की जानिब से अगर गुस्ताखाना फ़िल्म की यू टयूब पर नशरियात पर पाबंदी आइद नहीं की जाती है तो ऐसी सूरत में आलम इस्लाम में बरपा कुहराम दीगर ममालिक तक भी पहूंच जाएगा