सारे तेलंगाना में योम-ए-स्याह का एहतिमाम(व्यवस्था) : महमूद अली

हैदराबाद ।०२नवंबर : ( रास्त ) : मुहम्मद महमूद अली सदर अक़ल्लीयती सेल टी आर ऐस-ओ-पोलीट ब्यूरो मैंबर ने कहा कि टी आर उसकी जानिब से यक्म नवंबर को योम-ए-स्याह मनाया गया । सारे तलंगाना में काली झंडियां लगाई गईं और अवाम ने स्याह बैचस और स्याह कपड़े पहन कर एहतिजाज किया। महमूद अली ने कहा हैदराबाद स्टेट जो सारी दुनिया में दौलतमंद स्टेट थी यक्म नवंबर 1956 को उसके तीन हिस्से कर दिए गए ।

बड़े हिस्से को आंधरा में मिलाया गया । बाक़ी दो हिस्सों को कर्नाटक और महाराष्ट्रा के हवाले किया गया । ये दिन हमारे लिए एक बदनसीब दिन था क्योंकि तलंगाना में क़ुतुब शाही दौर से आसिफ़ जाह हफ़तुम तक 300 साल मुस्लमानों ने हुकूमत की यहां मुस्लमान बड़े रईस और जागीरदार थे । सरकारी मुलाज़मतों में मुस्लमान 33 फ़ीसद से ज़्यादा थे और तेलंगाना की ज़मीनात में मुस्लमानों का हिस्सा 42 फ़ीसद से ज़्यादा था ।

उर्दू ज़बान यहां की सरकारी ज़बान थी और यहां का लिबास मुस्लिम कल्चर के मुताबिक़ था । उस्मानिया यूनीवर्सिटी में किसी भी क़ौम से वाबस्ता तालिब-ए-इल्म(विद्धाथि) को काली शेरवानी , पाएजामा और टोपी पहन कर जाना पड़ता था । इन सब चीज़ों को ख़त्म करने इस के टुकड़े किए गए ।

आज मुस्लमान हर शोबा-ए-हियात में सिफ़र के बराबर होचुके हैं और हमारे कल्चर और तहज़ीब को मुकम्मल ख़त्म किया गयाहै नए नए क़वानीन नाफ़िज़ कर के हमारी जायदादों को हड़प किया गया ।

इसी लिए आज हम अलहदा तलंगाना जद्द-ओ-जहद कररहे हैं । महमूद अली ने कहा कि अगर अलहदा तलंगाना होगा तो यक़ीनन मुस्लमानों को बहुत बड़ा फ़ायदा होगा । हर शोबा-ए-हियात में मुस्लमान दूसरी क़ौमों की तरह तरक़्क़ी करेंगे जब तक तलंगाना हासिल नहीं होगा तलंगाना की अवाम एहतिजाज करती रहेगी । उन्हों ने अफ़सोस का इज़हार किया कि हिंदूस्तान जैसे बड़े जमहूरी मुल्क(जमहूरी देश‌) में तलंगाना अवाम का गला दबाया जा रहा है