सियासत ने फिर एक मासूम लड़की को माँ से मिला दिया

हैदराबाद ।30 जनवरी । माँ बाप के आपसी झगड़े और अख़लाक़ी इक़दार में गिरावट से सारे ख़ानदान पर असर पड़ता है और ख़ानदान का शीराज़ा(क्रम‌) बिखर जाता है और लोग हमदर्दी के नाम पर इस्तिहसाल पर उतर आते हैं। माँ बाप के झगड़ों का असर सब से ज़्यादा बच्चों पर पड़ता है। ऐसा ही कुछ 8 साला मासूम लड़की सना फ़ातिमा के साथ हुआ। बाप के एक सड़क हादिसा में इंतिक़ाल और फिर माँ के दूसरे आदमी के साथ रहने के बाइस उस की ज़िंदगी तबाही-ओ-बर्बादी के दहाने पर पहूंच गई थी लेकिन क़ुदरत को इस मासूम लड़की पर रहम आया और वो ग़लत हाथों में जाने से महफ़ूज़ रही।

क़ारईन आप को बतादें कि 8 साला सना फ़ातिमा को इस के अपने सगे चचा ने सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर तन्हा छोड़ दिया था अच्छा हुआ कि ये लड़की ग़लत हाथों में जाने से महफ़ूज़ रही। रेलवे पुलिस ने ख़ौफ़ में मुबतला उस लड़की को गर्वनमैंट जोइनाल ऐंड आबरज़रवीशन होम फ़ार गर्लज़ निम्मो ली अड्डा में पनाह दिला दी। राक़िम उल-हरूफ़ और आई ऐम आर सी की ख़ुसूसी कोशिशों ने 18 जनवरी को इस तरह की एक और मज़लूम लड़की कौसर बेगम को उस की माँ से मिलाया गया था।

10 साला कौसर बेगम को इस के अपने बाप ने सौतेली माँ के बहकावे में आकर सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर छोड़ते हुए राह फ़रार इख़तियार की थी। रोज़नामा सियासत में उस लड़की के बारे में रिपोर्ट की इशाअत के साथ ही वजए वाड़ा में मुक़ीम उस की हक़ीक़ी माँ और मामूं का पता चलाया गया और फिर कौसर बेगम को गर्लज़ हॉस्टल से आई ऐम आर सी के तहत चलाए जा रहे स्कूल में शरीक करवाया गया।

कौसर बेगम को जब गर्वनमैंट जोइनाल ऐंड ऑब्ज़र्वेशन होम फ़ार गर्लज़ से आज़ाद करवाया गया। उस वक़्त 8 साला सना फ़ातिमा ने बड़ी ही आजिज़ी से उस की भी मदद करने की दरख़ास्त की और सरसरी तौर पर बताया कि वो वनपरती ज़िला महबूबनगर की रहने वाली है और तालाब कटा में इस के रिश्तेदार रहते हैं। न्यूज़ ऐडीटर आमिर अली ख़ां ने भी सना फ़ातिमा को उस की माँ से मिलाने के लिए इक़दामात करने की हिदायत दी और अल्लाह के फ़ज़ल से सना फ़ातिमा को भी गर्लज़ हॉस्टल से हटा लिया गया है।

उम्मीद हैकि उसे बहुत जल्द आई ऐम आर सी के तहत मुईन आबाद में चलाए जा रहे स्कूल याफ़र वनपरती में मौलाना अबदालवा रस क़ासिमी के मुदर्रिसा फ़ातिमा निस्वान में शरीक करवाया जाएगा। वाज़िह रहे कि आई ऐम आर सी के पराजकट मैनेजर हाफ़िज़ सय्यद अबदालहबीब इर्फ़ान ने सना फ़ातिमा के बताए हुए पत्ते पर इस के रिश्तेदारों का पता लगाने के लिए महबूबनगर में अपने ज़राएओं का इस्तिमाल किया।

इस सिलसिला में उन्हें मौलाना अबदालवा रस क़ासिमी इस गावो के डाक्टर अबदूल्लतीफ़ का ग़ैरमामूली तआवुन हासिल रहा। मौलाना अबदालवा रस क़ासिमी और डाक्टर अबदूल्लतीफ़ ने सना फ़ातिमा के ख़ालू मुहम्मद महमूद साकन तिरुमला कॉलोनी वनपरती ज़िला महबूबनगर और उन की अहलिया का पता लगा कर दोनों को लिए हैदराबाद पहूंचे और फिर राक़िम उल-हरूफ़ के इलावा आई ऐम आर सी के हाफ़ित सय्यद अबदालनजीब के हमराह गर्वनमैंट जोइनाइल ऐंड आबरज़रवीशन होम फ़ार गर्लज़ निंबोली अड्डा पहूँची, लेकिन इंतिज़ामीया ने वाज़िह तौर पर कहा कि रिश्तेदारी एहमीयत नहीं रखती।

पहले दस्तावेज़ात पेश कीजिए इस के फ़ौरी बाद सना फ़ातिमा के माँ की तलाश शुरू करदी गई और बिलआख़िर तालाब कटा में इस ख़ातून का पता चल गया। महमूदा बेगम ने बताया कि उन्हें दो बेटे और एक बेटी है लेकिन उन्हें मालूम हुआ हीका बेटी को इस के चचा ने रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया है अब लड़की कहाँ है इस बारे में वो नहीं जानती। महमूदा बेगम को बताया गया कि उन की लड़की महफ़ूज़ है लेकिन इसे हासिल करने के लिए राशन कार्ड या दीगर दस्तावेज़ात की ज़रूरत है तब इस के किसी भी किस्म के दस्तावेज़ात पेश करने से माज़ूरी ज़ाहिर की।

बहरहाल आई ऐम आर सी, मौलाना अबदालवा रस क़ासिमी डाक्टर अबदूल्लतीफ़ और सियासत की कोशिशों से दस्तावेज़ात तैय्यार होगए और अल्लाह के फ़ज़ल-ओ-करम से उसे उस की माँ से मिला दिया गया। माँ ने कहा कि आई ऐम आर सी या मुदर्रिसा फ़ातिमा निसवां उन की बेटी की देख भाल और परवरिश करसकते हैं इस पर वो राज़ी है।

लड़की के ख़ालू और माँ के बयानात में काफ़ी तज़ाद पाया जाता ही, लेकिन दोनों की गुफ़्तगु और बयानात से लग रहा था कि ये ख़ानदान अख़लाक़ी गिरावट का शिकार ही। वालिद की मौत ख़ालू के मुतज़ाद (ऎक दूसरे के खिलाफ‌)बयानात माँ का दूसरे आदमी के साथ रहना कुछ अजीब लग रहा ही। बहरहाल सना फ़ातिमा के साथ जो हालात पेश आए हैं वो दरअसल माँ बाप के झगड़ों का नतीजा ही। रिश्तेदारों की संगदिली का मुँह बोलता सबूत है।