हैदराबाद। 05 मार्च : कलाम-उल-ल्लाह और हदीस नबवीऐ में वाज़िह अलफ़ाज़ में सूद की हुर्मत, उस की तशरीह और वईद बयान की गई ही। इस के बावजूद हर रोज़ हमारे सामने सूद की नई नई शक्लें पेश की जा रही हैं, क्योंकि शैतान की सदीयों से ये कोशिश रही है कि मुस्लमान को किसी ना किसी हीले और बहाने से सोदी लेन देन के मुआमलात में मुलव्वस कर दी।
ख़्यालात का इज़हार बिरादर आसिफ़ उद्दीन मुहम्मद ने आई ए सी आर की हफ़तावारी नशिस्त में क्या। उन्हों ने कहा कि आज फिक्स्ड डिपाज़िट, बाओनड, वो चर्ज़ के साथ सूद ने चिट्ठी (चिट फ़ंड) की शक्ल इख़तियार करके मुस्लमानों के घरों से बरकत ख़त्म कर रही है , आज भी हमारे दरमयान कई मुस्लमान मौजूद हैं जो चिट फ़ंड जैसे ग़ैर इस्लामी अमल को हराम नहीं समझते हैं जब कि हमारे सामने रसूल अल्लाह सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम की वाज़िह हदीस इस मसला पर साफ़ साफ़ रोशनी डालती है , जिस का मफ़हूम है फुट के बदले पीसी, खजूर के बदले खजूर और अनाज के बदले अनाज। जितना दो, इतना ही वापिस लो।
ज़रा भी ज़्यादा लोगे तो सूद हो जाएगा। बिरादर आसिफ़ ने कहा कि कम रक़म लेकर ज़्यादा रक़म की अदायगी के सबब वो आदमी सूद की गिरिफ़त में आजाता है और उस की अदा की हुई सूद की रक़म को दीगर अरकान मुनाफ़ा, बोनस और दीगर ख़ूबसूरत नाम दे कर इस्तिमाल करते हैं जोकि शरण हराम है