हैदराबाद07फरवरी ( सियासत न्यूज़) रियास्ती हज कमेटी की जानिब से आज़मीन-ए-हज्ज को दरख़ास्त फ़ार्म की इजराई की तक़रीब के मौक़ा पर अफ़रातफ़री और धक्कम पेल के मुनाज़िर देखे गई। रियास्ती वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद सय्यद मुहम्मद अहमद अल्लाह के हाथों बाअज़ आज़मीन को हज दरख़ास्त फ़ार्म जारी किए जाने थे ।
इस मौक़ा पर दरख़ास्त के हुसूल के लिए कई अफ़राद एक साथ स्टेज की तरफ़ बढ़ने लगे जिस से धक्कम पेल होगई और लोग एक दूसरे पर गिर पड़े । इस मरहला पर बाअज़ आज़मीन एक दूसरे से उलझ गए । हज कमेटी के कारकुनों को उन अफ़राद को स्टेज से दूर करना पड़ा। बाअज़ आज़मीन ने इल्ज़ाम आइद किया कि हज कमेटी के ज़िम्मेदारों ने मख़सूस आज़मीन को ही वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद के ज़रीया फ़ार्म हासिल करने के लिए मुंतख़ब(चुनाव) किया है ।
एक आज़िम हज ब्रहमी के अंदाज़ में भड़क गए और हज कमेटी के हुक्काम को बुरा भला कहने लगी। वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद(भलाए) ने भी ब्रहम अफ़राद को समझने की कोशिश की और एक मरहला पर वो ख़ुद भी ग़ुस्सा में आगए ताहम हज कमेटी के अरकान ने बीच बचाव करते हुए मुआमला को रफ़ा दफ़ा(बार) कर दिया ।
तक़रीब के इनइक़ाद के सिलसिला में नज़म-ओ-ज़बत की कमी के सबब इस तरह की सूरत-ए-हाल पैदा हुई । कई आज़मीन ने शिकायत की कि दरख़ास्त के हुसूल में उन्हें दुशवारीयों का सामना करना पड़ा।