हैदराबाद ।०५ अक्टूबर ( नुमाइंदा ख़ुसूसी) हज हाउज़ नामपली मैं आज़मीन-ए-हज्ज की ख़िदमत में कोई कसर ना छोड़ने केलिए तमाम ज़रूरी इंतिज़ामात करलिए गए हैं और मुख़्तलिफ़ अज़ला से तक़रीबन 300 आज़मीन-ए-हज्ज हाउज़ पहुंच भी चुके हैं। हज हाॶज़ नामपली को बाका नूर बनादिया गया है और अल्लाह के मेहमानों की ख़ुशउसलूबी के साथ ख़िदमत और फिर उन की रवानगी को यक़ीनी बनाने केलिए रियास्ती हज कमेटी ने मुख़्तलिफ़ शोबों की कारकर्दगी और तैयारीयों का जायज़ा भी लिया है।
हज हाॶज़ के अतराफ़-ओ-अकनाफ़ का इलाक़ा एक पुरनूर मंज़र पेश कररहा है जबकि आज़मीन-ए-हज्ज के ख़िदमत गुज़ारों से लेकर हज हाॶज़ पहूंचने वाले अफ़राद के दिलों में भी यही ख़ाहिश पैदा होरही हीका अल्लाह अज़्ज़-ओ-जल उन्हें भी अपना मेहमान बनने की सआदत हासिल करें और उन की आँखों से काबता अल्लाह और अपने प्यारे नबी सिल्ली अल्लाह अलैहि वाला वसल्लम के रोज़ा मुबारक पर नज़र पड़ते ही आँसू रवां होजाएं।
वाज़िह रहे कि आंधरा प्रदेश से तक़रीबन 8500 आज़मीन सफ़र हज पर रवाना होरहे हैं। हज हाॶज़ के 11 में से 3 मंज़िलों को आज़मीन-ए-हज्ज के क़ियाम-ओ-ताम के लिए मुख़तस करदिया गया ही। ख़ातून आज़मीन की ख़िदमत केलिए इन फ्लोर्स पर 2 ख़ातून वर्कर्स मुतय्यन रहेंगी जबकि आज़मीन के खाने के इंतिज़ामात भी पूरे करलिए गए यहां तक कि 19 अक्टूबर को रात 9.30 बजे राजीव गांधी इंटरनैशनल अर पोर्ट शमस आबाद से परवाज़ करने वाले तय्यारे के ज़रीया जाने वाले आज़मीन को 3 वक़्त का खाना फ़राहम करने का आग़ाज़ भी करदिया गया ही।
राक़िम उल-हरूफ़ ने हज हाॶज़ में किए जा रहे इंतिज़ामात का जायज़ा लिया, जिस पर पता चला कि आज़मीन-ए-हज्ज को 3 वक़्त का खाना फ़राहम करने की ज़िम्मेदारी एक ख़ानगी केटरिंग फ़र्म को दी गई है जो फ़ी आज़िम 140 रुपय के हिसाब से आज़मीन केलिए तीन वक़्त का खाना सरबराह करेगी। नाशते में खिचड़ी खट्टा पापड़ गोश्त का क़ीमा रूमाली रोटी से आज़मीन की तवाज़ो की जाएगी जबकि दोपहर के खाने में रूमाली रोटी गोश्त का सालन दही वग़ैरा दिया जाएगा। रात के खाने में चावल दही चिकन (मुख़्तलिफ़ इक़साम की डशस) मीठा को बानी कद्दू का मीठा गुल फ़िर्दोस सेवी का मीठा वग़ैरा दिया जाएगा। उम्मीद हीका हर रोज़ 1000 ता 1200 आज़मीन-ए-हज्ज हाॶज़ पहूंचेंगी।
चीफ़ एगज़ीकीटीव अफ़ीसर हज हाॶज़ जनाब अबदुलहमीद ने बताया कि अज़ला के आज़मीन को चाहीए कि वो अपनी फ़लाईट की रवानगी से दो दिन क़बल हज हाॶज़ पहूंच जाएं जबकि शहर के आज़मीन को 10 घंटे पहले हज हाॶज़ पहूंचना होगा। उन्हों ने मज़ीद कहाकि आज़मीन पूरी तैय्यारी के साथ हज हाॶज़ तशरीफ़ लाएंगे। जहां उन के कस्टमज़ और इमीग्रेशन की कार्रवाई मुकम्मल होगी। उन्हें फ़ोन के सिम कार्ड्स दिए जाएंगी। आज़मीन को शमस आबाद अर पोर्ट ले जाने केलिए आर टी सी की मेट्रो बसों का इंतिज़ाम किया गया है जबकि हज हाॶज़ में बह यक वक़्त कम अज़ कम 700 आज़मीन के रहने की गुंजाइश रखी गई ही। 50 ख़ातून वालीनटरस ख़ातून आज़मीन की मदद करेंगी जबकि आज़मीन की ख़िदमत करते हुए अपने रब ज़ूलजलाल और प्यारे नबी सिल्ली अल्लाह अलैहि वाला वसल्लम की ख़ुशनुदी हासिल करने के जज़बा से सरशार 150 ता 200 नौजवान वालीनटरस भी आज़मीन की ख़िदमत के लिए हमातन मसरूफ़ होगए हैं।
चीफ़ एगज़ीकीटीव ऑफीसर रियास्ती हज कमेटी जनाब अबदुलहमीद को जब मीडीया ने बाअज़ ख़ामीयों की निशानदेही करते हुए उन के बारे में वाक़िफ़ करवाया तो उन्हों ने कहा कि इन ख़ामीयों को चंद घंटों में दूर करलिया जाएगा। दूसरी जानिब कस्टमज़ के ओहदेदारों ने भी अपनी तैय्यारीयां मुकम्मल करली हैं और अपनी सरगर्मी का आग़ाज़ भी करदिया ही। इसी तरह सीकोरीटी इंतिज़ामात केलिए 200 अहलकारों से मुख़्तलिफ़ औक़ात में काम लिया जा रहा ही। 6 ता 19 अक्टूबर 26 फ़लाईटस के ज़रीया तक़रीबन 8000 आज़मीन-ए-हज्ज मुक़द्दस सफ़र पर रवाना होंगी।
हज कमेटी के सदर नशीन सय्यद ख़लील उद्दीन अहमद की निगरानी में आज़मीन की बेहतर से बेहतर ख़िदमात को यक़ीनी बनाया जा रहा है जबकि आज़मीन को विदा करने आने वाले उन के रिश्तेदारों केलिए भी ख़ुसूसी इंतिज़ामात किए गए हैं। हज हाॶज़ और इस के अतराफ़ फ़र्र ज़िंदाँ इस्लाम में ज़बरदस्त जोश-ओ-ख़ुरोश पाया जाता ही। सारा इलाक़ा ईद का मंज़र पेश कररहा ही। हर चेहरे पर ख़ुशीयां बिखरी हुई हैं।
हम ने वहां कई ऐसे लोगों को भी देखा जो अपने आज़िम रिश्तेदारों को विदा करने केलिए आए थे लेकिन उन की आँखों से आँसू रवां थे और ज़बां पर यही दुआ थी कि अल्लाह रब ज़ूलजलाल हमें भी सआदत हज अता फ़र्मा। हमारी इन आँखों को रोज़ा रसूल सिल्ली अल्लाह अलैहि वाला वसल्लम देखने की नेअमत से नवाज़।