दुनिया भर में बसे हर मुस्लिम को के रमजान के मुबारक महीने का इंतज़ार हमेशा ही रहता है। एक तरफ जहाँ मुस्लिम इस महीने में बढ़ चढ़ कर अल्लाह की इबादत में अपना वक़्त लगाते है वहीँ अल्लाह भी अपने बन्दों की दिल से मांगी हर मुराद पूरी करता है।
दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जिनकी ज़िन्दगी के वैसे तो काफी साल निकल चुके हैं लेकिन इस मुबारक महीने में रोज़ा रखने का मौक़ा उन्हें पहली बार नसीब हुआ है। ऐसे ही लोगों में से एक हैं मेरेडिथ जिसने पिछले २ साल तक इस्लाम को जानने के बाद कुछ महीन पहले ही इस्लाम क़ुबूल किया है।
सिआसत हिंदी के स्पैशल कॉरेस्पोंडेंट अरघवान रभहि से ईमेल के जरिये सवालों का जवाब देने वाली मेरेडिथ जोकि अमेरिकन आर्मी में काम करती हैं ने बताया कि वो अपनी ड्यूटी हिजाब पहने ही देती हैं और उन्हें इस्लाम क़ुबूल करने के बाद भी आर्मी की तरफ से किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
इस्लाम से जुड़ने के पीछे की कहानी बयान करते हुए मेरेडिथ बताती हैं:
“मेरा जन्म एक क्रिस्चियन परिवार में हुआ था, अच्छी परवरिश और रहन-सहन के बावजूद भी मुझे लगता था कि मेरी ज़िन्दगी में कुछ है जो अधूरा है। सब कुछ होने के बावजूद ऐसा लगता था कि इन सब ऐशो-आराम के साथ ज़िन्दगी में कुछ ऐसा भी है जो खाली-खाली सा है।“
उस खालीपन को दोस्तों के साथ वक़्त बिता या तमाम और तरीकों से भरने की नाकाम कोशिशों के बाद थक चुकी मेरेडिथ से एक दिन यूँ ही उसके एक दोस्त ने इस्लाम और अल्लाह के बारे में बातचीत की जिससे मेरेडिथ को काफी सुकून मिला और उसका ध्यान इस्लाम की तरफ बढ़ने लगा।
मेरेडिथ बताती हैं कि करीब 2 साल तक इस्लाम के बारे में पढ़ने और जानने के बाद वो इस्लाम के राह पर चलने के लिए तैयार थीं।
इस्लाम कबूल करने के उस पल को बयान करते हुए मेरेडिथ बताती हैं- “वो पल कुछ ऐसा था कि जैसे कलीमा पढ़ते हुए मेरी ज़िन्दगी की वो खाली जगह भरती जा रही रही हो जैसे उन पलों ने मेरी ज़िन्दगी को एक नयी राह दिखा दी हो “।