हैदराबाद १३ अक्टूबर (रास्त) हैदराबाद शहर तंज़-ओ-मज़ाह के लिए सारी दुनिया में मुनफ़रद मुक़ाम रखता है। यहां के फ़नकारों के पेश करदा कामेडी शूज़ ने बैन-उल-अक़वामी (अंतराष्ट्रीय)सतह पर शौहरत पाई है, लेकिन कुछ अर्सा (वक्त)से कई वजूहात की बिना पर स्टेज की दुनिया पर एक किस्म का जमूद तारी(छा जाने वाला) है।
इन हालात में आजकल सी डी के ज़रीया तंज़-ओ-मज़ाह के प्रोग्राम पेश करके मुमताज़ मज़ाह कार हामिद कमाल ने क़हक़हे लगाने का एक नया रास्ता अपनाया ही, चुनांचे (इसलिए)दक्कन के बहुत सारे मज़ाहीया फ़नकारों के शाहकार कामेडी आयटम्स को यकजा(एक जगह) करके एक नई सी डी जारी की ही।
हैदराबादी कामेडी सितारी के ज़ेर-ए-उनवान तैय्यार की गई इस दो घंटे की सी डेज़ मैं सीनीयर फ़नकारों मुहम्मद हिमायत अल्लाह, मुस्तफ़ा अली बेग वग़ैरा को ना सिर्फ ख़िराज-ए-तहिसीन भी पेश किया है बल्कि हैदराबाद से ताल्लुक़ (संबंध)रखने वाले मरहूम मज़ाहीया फ़नकारों हफ़ीज़ ख़ां, आबिद अली, मस्साह उद्दीन, बाला प्रशाद गौड़, सईदा लहसुन, मुही उद्दीन पप्पा, जानी व्हिस्की, सबग़त अल्लाह बमबाट जैसे फ़नकारों को ख़िराज-ए-अक़ीदत भी पेश किया गया है।
इस दो घंटे की मुकम्मल तफ़रीही मज़ाहीया सी डी में शायक़ीन की तफ़रीह-एतबा(मनबहलाव) के लिए बैन-उल-अक़वामी शौहरत-ए-याफ़ता कॉमेडियनस हबीब क़दीर, शहाब उद्दीन, दौलत राम, हमीद रशीद, हुसैन प्रेमी, ऐच आर कोला के शाहकार(किसी कलाकार की कला) आयटम्स को पेश किया गया है