हैदराबाद २९ अक्टूबर (रास्त) दक्कन के मुमताज़ आलम दीन अरबी स्कालर-ओ-पीरे तरीक़त हज़रत प्रोफ़ैसर डाक्टर मुहम्मद अबदुलसत्तार ख़ान नक़्शबंदी-ओ-क़ादरीऒ ख़लीफ़ा मुहद्दिस दक्कन हज़रत सय्यदना अबदुल्लाह शाह साहिब नक़्शबंदी-ओ-क़ादरीऒ के सानिहा रहलत पर कल हिंद बज़म अनवार अल्लाह के सदर मौलाना हाफ़िज़ मुहम्मद अबदालोहाब कादरी निज़ामी ने अपने शदीद सदमा और रंज का इज़हार करते हुए कहाकि हज़रत अलैहि अलरहमा ने अपने इलमी तजुर्बात और सूफियाना अफ़्क़ार-ओ-आलिमाना वक़ार से अपने पैदाइशी वतन के सैंकड़ों नौजवानों की तालीम-ओ-तर्बीयत फ़रमाई और गिरांक़द्र इलमी ख़िदमात से उस्मानिया यूनीवर्सिटी से सुबकदोशी के बाद दयार-ए-ग़ैर के तहक़ीक़ी लेकिन माद्दियत ज़दा माहौल अमरीका में इस्लाम की रोशन किरणों के सफ़ीर बने रहे और बतौर ख़ास सिलसिला नक़्शबंदिया के हलक़ा को वसीअ बनाने में अपने अफ़राद ख़ानदान के साथ मसरूफ़-ओ-मनजहमक रही। बावजूद ज़ईफ़ अलामरी के अपने दरवाज़ा-ए-इलम-ओ-अमल को हरवक़त खुला रखा।