हैदराबाद ।०३। अगस्त : ( नुमाइंदा ख़ुसूसी ) : बर्मा के मुस्लमानों के क़तल-ए-आम पर ब्रहमी का इज़हार करते हुए सदाए एहतिजाज बुलंद करने वाले और खोखरा झार आसाम केफ़िर्कावाराना तशद्दुद में अपने मुस्लिम भाईयों की शहादतों उन की इमलाक की तबाही-ओ-बर्बादी पर बेचैन होजाने वाले हमारे शहर हैदराबाद फ़र्ख़ंदा बुनियाद में अगर ये कहा जाय कि यहां एक क़दीम-ओ-तारीख़ी मस्जिद पर प्लास्टिक की चादर का छत डाले नमाज़ अदा की जा रही है और बलदिया मस्जिद को मस्जिद तस्लीम नहीं करती बल्कि उसे एक ढांचा का नाम दे कर छत डालने की इजाज़त देने से इनकार कर रही है तो इस बात पर किसी को भी यक़ीन नहीं आएगा ।
जवाब में आप से यही कहा जाएगा कि मुस्लमानों के इस शहर में ख़ूबसूरत-ओ-वसीअ-ओ-अरीज़ मसाजिद और बुलंद-ओ-बाला मीनारों के इस गुलशन में किसी मस्जिद का ये हाल नहीं हो सकता ! लेकिन अफ़सोस के मुस्लिम अक्सरीयती शहर हैदराबाद में ऐसा ही होरहा है शहर और मज़ाफ़ाती इलाक़ों में ऐसी दर्जनों मसाजिद हैं जिन की आराज़ीयात पर अपने और ग़ैरों दोनों क़ाबिज़ हो कर उन पर बस्तीयां बसा चुके हैं ओहदेदारों की फ़िर्कापरस्ती तास्सुब , वक़्फ़ बोर्ड और मुस्लमानों की ग़फ़लत का शिकार ऐसी ही एक मस्जिद क़ुतुब शाही अता पर है इस मस्जिद को पुलिस ऐक्शण के बाद एक नापाक मंसूबा-ओ-साज़िश के तहत 90 फ़ीसद शहीद करदिया और ज़ालिमों ने मिंबर को शहीद करने की हिम्मत नहीं की ।
पिलर नंबर 125 के क़रीब कान्ता रेड्डी नगर है और ये मस्जिद कान्ता रेड्डी नगर में वाक़्य है । मस्जिद के तहत काफ़ी मौक़ूफ़ा अराज़ी हुआ करती थी अब इस पर अपनों की मेहरबानी से ग़ैरों ने बड़े बड़े अपार्टमंट्स तामीर करलिए हैं । राजिंदर नगर म्यूंसिपल्टी के बददियानत रिश्वतखोर और फ़िकऱ्ापरस्त ओहदेदारों ने मस्जिद की अराज़ी पर अपार्टमंट्स की तामीर की इजाज़त दी जब कि पुलिस की मदद से मस्जिद को छत से महरूम रखा गया है । चोरी पे सीना ज़ोरी के मिस्दाक़ राजिंदर नगर म्यूंसिपल्टी ने एक तो मौक़ूफ़ा अराज़ी पर अपार्टमंट्स तामीर करने की इजाज़त दे करगै़रक़ानूनी हरकत की है दूसरे अपने गुनाहों और जुर्म पर पर्दा डालने के लिए मस्जिद को ढांचा का नाम दे रही है ।
इस सिलसिला में वो पुलिस को भी इस्तिमाल कररही है । क़ारईन को जब इस मस्जिद का इन्किशाफ़ हुआ तो क़रीब में वाक़्य ख़्वाजा नगर के नौजवानों ने 25 मार्च 2011 को नमाज़ जुमा के साथ उसे आबाद करदिया और तब से वहां बाक़ायदा तौर पर पाँच वक़्तों की नमाज़ , नमाज़ जुमा और तरावीह अदा की जा रही है । एक लैंड गराबर ने राजिंदर नगर म्यूंसिपल्टी की मदद से इस मस्जिद की अराज़ी पर बड़े बड़े अपार्टमंट्स बना लिए हैं और एक पार्क भी बनाया ।
पार्क में मस्जिद क़ुतुब शाही केमिंबर को बरक़रार रख कर पार्क के बक़ीया हिस्सा में मज़दूरों को झोंपड़ीयाँ डाल कर बिठा दिया इस ने मस्जिद का रास्ता भी बंद करदिया इस के बावजूद भी एक दो फुट के रास्ते सेमुसल्ली बिलानागा तमाम नमाज़ों और नमाज़ जुमा-ओ-तरावीह अदा करने आते हैं । अफ़सोस तो इस बात का है कि मस्जिद पर छत ना होने के बाइस मुस्लमान गुज़शता दीढ़ साल से एक प्लास्टिक की चादर ( टाट पुत्री ) को छत के तौर पर इस्तिमाल करते हुए नमाज़ें अदा कर रहे हैं ।
थोड़े दिन में ही टाट पुत्री फट जाती है और नई टाट पुत्री लगा करनमाज़ अदा की जाती है । बारिश में क्या हाल होता होगा और मौसिम-ए-गर्मा में मुस्लियों को किस तरह की सूरत-ए-हाल से गुज़रना पड़ता होगा । हम सब इस का बेहतर तौर परअंदाज़ा लगा सकते हैं । हैरत इस बात पर है कि गली से लेकर दिल्ली का कोई लीडर भी इस मस्जिद पर तवज्जा देने के लिए तैय्यार नहीं । मस्जिद के मुस्लियों का कहना है कि इस मस्जिद को आबाद करने आगे आने वाले क़ाइदीन का वो ख़ैर मुक़द्दम करते हैं चाहे उन का ताल्लुक़ किसी सयासी जमात से क्यों ना हो इस लिए ये अल्लाह के घर का मुआमला है ।
मुस्लियों की ख़ाहिश पर टी आर ऐस क़ाइद-ओ-ओ- पार्टी पोलीट ब्यूरो के रुकन महमूद अली ने अपने दीगर साथीयों के हमराह मस्जिद का मुआइना किया और इस की हालत-ए-ज़ार पर काफ़ी ब्रहम हुए इस मस्जिद का मसला ये है कि राजिंदर नगर म्यूंसिपल्टी के रिश्वतखोर-ओ-फ़िकऱ्ापरस्त ओहदेदार इस मस्जिद पर छत तो दौर की बात है । आरिज़ीटीन शैड यहां तक कि फ़ौलादी रॉड भी ज़मीन में ठोंकने की इजाज़त नहीं दे रहे हैं हालाँकि वक़्फ़ बोर्ड में इस मस्जिद और इस की अराज़ी का तमाम रिकार्ड मौजूद है । बोर्ड ने मस्जिद की कमेटी को तस्लीम भी करलिया है ।
दीढ़ साल से ग़रीब मुस्लमान इस मस्जिद का छत डालने की कोशिश कररहे हैं । बलदी ओहदेदार उसे स्ट्रकचर या क़दीम ढांचा लिख रहे हैं और मस्जिद के ज़िक्र से गुरेज़ कररहे हैं जब उन से कहा जाता है कि ये तामीरीढांचा कहां है ये तो मस्जिद है तो वो कहते हैं कि अगर हम इस को मस्जिद लिख दें तो हमारे आली ओहदेदारों और हमारी नौकरियां चली जाएंगी । दीढ़ साल से पुलिस पिकिटताय्युनात करदिया गया है । अगर कोई मस्जिद को जानमाज़ का अतीया देता है तो भी पुलिस राजिंदर नगर को इत्तिला देनी पड़ती है हद तो ये है कि पुलिस की इजाज़त के बगै़र जानमाज़ें तक नहीं बिछाई जा सकती ।
टी आर ऐस क़ाइद महमूद अली ने नमाज़ ज़ुहरउसी मस्जिद में अदा की और राजिंदर म्यूंसिपल्टी-ओ-पुलिस राजिंदर नगर के मुतासबानारवैय्या पर ब्रहमी का इज़हार क्या । नमाज़ की अदायगी के बाद वो सीधे पुलिस स्टेशन राजिंदर नगर गए जहां इन्सपैक्टर जुए राम ने कहा कि राजिंदर म्यूंसिपल्टी ने पुलिस से तहरीरी तौर पर शिकायत की है कि ये बलदिया की अराज़ी है और इस पर एक क़दीम स्ट्रकचर है इस लिए इस पर तामीर नहीं की जा सकती इस लिए पुलिस किसी क़ीमत पर भी तामीर की इजाज़त नहीं देगी । बलदिया अगर तहरीरी तौर पर आगाह करती है कि उसेतामीर पर कोई एतराज़ नहीं और वो अपनी शिकायत से दस्तबरदार होती है तो फिर मस्जिद पर छत डाला जा सकता है ।
मस्जिद की कमेटी और ख़ुद इन्सपैक्टर पुलिस के मुताबिक़ बलदी ओहदेदार मस्जिद को मस्जिद कहने से शर्मा रहे हैं । मुक़ामी अवाम का कहना है कि रिश्वतखोर और उन बेशरम ओहदेदारों को अपने फ़र्ज़ की अदायगी का कोई ख़्याल नहीं बल्कि ये लैंड गराबर के हाथों पुलिस खिलौना बने हुए हैं ।
महमूद अली ने पुलिस स्टेशन से राजिंदर नगर बलदिया का रुख किया वहां से आली ओहदेदार फ़रार होचुके थे । ए सी पी टाउन प्लानिंग मिसिज़ रजनी ने महमूद अली से बात की और तीक़न दिया कि वो इस नुमाइंदगी के बारे में अपने आली ओहदेदारों को वाक़िफ़ करवाईंगी ।
रजनी ने इस मसला को कमिशनर बलदिया से रुजू होने का मश्वरा दिया । चुनांचे महमूद अली ने कमिशनर से फ़ोन पर रब्त पैदा किया और कहा कि अगर छत डालने की इजाज़त नहीं दी गई तो फिर टी आर ऐस शदीद एहतिजाज करेगी ।
यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी होगा कि बलदिया ने मस्जिद के क़रीब पुलिस पिकिट बिठा दिया है जब कि आस पास के ग़ैर मुस्लिमों को किसी किस्म की कोई शिकायत नहीं है बल्कि वो मुस्लमानों की ताईद कर रहे हैं क्यों कि वो अच्छी तरह जानते हैं कि मुस्लमान गुज़शता दीढ़ साल से पुरअमन अंदाज़ में नमाज़ें अदा कर रहे हैं इस से किसी को कोई ख़लल नहीं पड़ रहा है ।
राजिंदर नगरबलदिया को चाहीए कि वो फ़िर्कापरस्ती का मुज़ाहरा करने की बजाय हक़ीक़त पसंदाना अंदाज़ इख़तियार करते हुए मस्जिद पर छत या फिर आरिज़ी शैड डालने की इजाज़त दे