हैदराबाद ।२८ जुलाई : आलमी करानी-ओ-रुहानी मुहिम के मुहर्रिकख़ादिम क़ुरआन पैर सय्यद शब्बीर नक़्शबंदी इफ़तिख़ारी ने कहा कि हर उम्मती की नजातकेलिए क़ुरआन से निसबत और साहिब क़ुरआन से मुहब्बत नागुज़ीर है । पैर नक़्शबंदी माहरमज़ान उल-मुबारक के दौरान चलाई जाने वाली 23 वीं आलमी करानी-ओ-रुहानी मुहिम केआग़ाज़ पर ज़ोर दिया कि वो अपनी नई नसल को हाफ़िज़-ए-क़ुरआन और क़ारी क़िरात बनाईं ।
उन्हों ने मुसर्रत का इज़हार किया कि इस मर्तबा करानी मुहिम में दुनियाए क़िरात में एक मारूफ़ नाम शेख़ क़ारी अबदुलबासित-ओ-अबदुस्समद के अंदाज़ में तिलावत क़ुरआनकरनेवाली अज़ीम शख़्सियत उल-शेख़ क़ारी मंसूर जुमा मंसूर हिंदूस्तान आरहे हैं । उन केइलावा नौजवान क़ारी शेख़ हशशाम अब्दुल हमीद इस मुहिम में शिरकत करेंगे । इन करा-ए-के सफ़र की सिफ़ारती तकमील हो चुकी है । चुनांचे इस ख़सूस मैं करानी मुहिम के मुहर्रिक पैर नक़्शबंदी के दो नुमाइंदा वफ़द जिन में मौलाना क़ारी मतीन अली शाह और क़ारी मुहम्मद महबूब कादरी भी शामिल हैं ।
कल रात क़ाहिरा में इन क़रा से मुलाक़ात की और पैर नक़्शबंदी का दावतनामा हवाले किया । इसी असना आज बाद नमाज़ जुमा इत्तिहादभवन बंजारा हिलज़ के इलावा मलिक के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में मुस्लिम नौजवानों ने अह्दकिया कि वो मुल्क गीर सतह पर पैग़ाम करानी को पहुंचाते हुए ग़ैर मुस्लिम भाईयों को मुख़्तलिफ़ तर्जुमा क़ुरआन पेश करेंगे ।