दरूद शरीफ की फजीलत

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो शख्स मुझ पर एक मरतबा दरूद पढ़े, अल्लाह तआला उसपर दस मरतबा रहमत भेजता है। (अबू दाऊद )

रात की नमाज़

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, फ़र्ज़ नमाज़ के बाद रात की नमाज़, तमाम नमाज़ों से अफ़ज़ल है। (मुस्लिम)

ज़ुबान और शर्मगाह की हिफाज़त

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जिस बंदा को अल्लाह तआला ने ज़ुबान और शर्मगाह के गुनाह से महफूज़ कर लिया वो जन्नत में जाए गा। (बुखारी व मुस्लिम)

सलाम करने की फ़जीलत

हजरत अबू दरदा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०)ने फरमाया, ऐ लोगो सलाम कसरत से किया करो इससे तुम दुनियां में सर बलंद हो जाओगे। (तिबरानी)

अल्लाह तआला से ना मांगने पर नाराज़गी

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो अल्लाह तआला से ना मांगे तो अल्लाह तआला उससे नाराज़ होता है। (तिर्मिज़ी)

गु़स्से पर कंट्रोल करने का इनाम

हजरत मआज बिन अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो शख्स कुदरत रखने के बा वजूद गुस्सा पी गया, तो कयामत में अल्लाह उसे इख्तियार देगा के वो जिस हूर को चाहे पसंद करले। (अबू दाऊद)

सदका वापस लेने की मुजम्मत

हज़रत उमर बिन खत्ताब रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अपना सदक़ा वापस लेने वाला उस कुत्ते कि तरह है, जो क़ै करके चाट ले। (मुस्लिम)

पड़ोसियों का खियाल रखना

हज़रत अबू ज़र रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जब तुम शोरबा बनाओ तो उसका पानी ज़ियादा कारो, और अपने पड़ोसियों का खियाल करो। (मुस्लिम)

वक़्त पर सदक़ा अदा करने की अहमियत

हजरत अबू सईद खदरी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, आदमी अपनी ज़िन्दगी में एक दिरहम सदका करे, उसके लिए उससे बेहतर है के मौत के वक़्त सौ दिरहम सदका करे। (अबू दाऊद)

नेक औरत दुनिया की सब से बेहरीन दौलत

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) फरमाया, दुनिया की बेहतरीन मताअ (दौलत ) नेक बख्त औरत है। (मुस्लिम)

भलाइ का बदला

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, जब कोई मुसलमान किसी को कपड़ा पहनाता है, तो जब तक वो कपड़ा पहने रहता है ये अल्लाह कि पनाह में रहता है। (तिर्मिज़ी)

मुस्कुरा देना भी सदक़ा है

हज़रत अबु ज़र गफ्फारी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, तेरा अपने भाई के सामने मुस्कुरा देना सदक़ा है,भलाई का हुक्म देना सदक़ा है, और बुराई से रोक देना सदक़ा है, किसी राह भटके को राह देखाना तेरे लिए सदक़ा है।

आखरी उम्मत की फजि़लत

हजरत अबू अमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, मेरे रब ने मुझ से वादा फरमाया है के, मेरी उम्मत की कसीर (जियादा) तादाद को किसी हिसाब व अज़ाब के बगैर जन्नत में दाखिल करे गा। (मिश्कात)

ज़िक्रे इलाही का इनआम

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, कुछ लोग अपने नर्म ओ गुदाज़ बिस्तर पर ज़िक्रे इलाही करते हैं,अल्लाह तआला उनको जन्नत के आला दर्जों में दाखिल करेगा (इब्ने हबान)

सब से अफज़ल सदका किया है?

हजरत अबू ज़र रज़ी अल्लाहु तआला अनहु ने दरयाफ्त किया सब से अफज़ल सदका किया है? रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया छुपा कर देना। (मसनद अहमद)

नाप तोल में कमी न करने की हिदायत

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) पैमाना और तराजू रखने वाले को नसीहत फरमाते के नाप तोल में कमी न करो (तिरमिज़ी)

सदक़ा देने का फाइदा

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,सदक़ा अल्लाह तआला के गज़ब को ठन्डा करता है, और बुरी मौत से बचाता है। (तिर्मिज़ी)

बुखालत का नुक़सान

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया हर सुबह दो फरिश्ते आसमान से उतर कर दुआ करते हैं एक कहता है इलाही नेक काम करने वालों को जियादा दे दूसरा कहता है बखील के माल को तलफ करदे। (बुखारी व मुस्लिम)

हुस्ने सुलूक का बदला

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, एक शख्स ने पियासे कुत्ते को जो कीचड चाट रहा था , पानी पिला दिया, उसके इस अमल के बदले उसे जन्नत अता कर दी गई। (बुखारी शरीफ)

मुफ्लिस मकरूज़ के साथ हुस्ने सुलूक

हजरत अबू क़तादह रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जिस शख्स ने मुफ्लिस मकरूज़ को मुहलत दी या माफ़ करदिया, उसको अल्लाह तआला कयामत की सख्तियों और घबराहट से महफूज़ कर देगा। (मुस्लिम)