हर भलाई सदक़ा है

हजरत जाबिर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, हर भलाई सदक़ा है। (बुखारी व मुस्लिम)

नेक बीवी

हजरत अबू उमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, एक बन्द-ए- मोमिन के लिए तक़वा के बाद नेक बीवी से बेहतर कोई शै(चीज) नहीं। (इब्ने माजा)

हसद से परहेज़ करो, क्यों कि….?

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, हसद से परहेज़ करो क्यों कि हसद नेकियों को इस तरह खा जाता है जैसे आग लकड़ी या घास को खा जाती है। (अबू दाऊद)

मुनाफ़िक़ की अलामत

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,मुनाफ़िक़ की तीन अलामतें हैं, जब बात करे तो झूट बोले,जब वादा करे तो खिलाफ करे, और जब उसके पास अमानत रख्खी जाए तो खयानत करे। (बुखारी शरीफ)

मोमिन की पहचान

हजरत अबू अमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अगर नेकी करने के बाद तुझको ख़ुशी होती हो, और गुनाह के बाद तेरा दिल रंजीदा होता हो तो, समझ ले तू मोमिन है। (अहमद)

दुआ की अहमीयत

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, दुआ इबादतों का मगज है अल्लाह तआला के नज़दीक दुआ से जियादा कोई चीज़ बुज़ुर्ग नहीं। (तिरमिज़ी)

रात की नमाज़ की फ़जीलत

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, फ़र्ज़ नमाज़ के बाद रात की नमाज़, तमाम नमाज़ों से अफ़ज़ल है। (मुस्लिम)

अल्लाहत आला से अच्छा गुमान रखना चाहिये

हजरत जाबिर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, देखो तुम में से किसी को मौत ना आए, मगर इस हालत में के वो अल्लाह से अच्छा गुमान रखता हो। (मुस्लिम)

मिस्वाक की फ़ज़ीलत

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अगर मुझको अपनी उम्मत की तकलीफ का ख़याल नहीं होता तो मैं उनको हर वुज़ू में मिस्वाक करने का हुक्म देता। (अहमद)

वुज़ू की फ़ज़ीलत

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०)ने फरमाया, जिसने वुज़ू पर वुज़ू किया, उसके लिए दस नेकियां लिखी जाती हैं। (तिर्मिज़ी)

रिज़क की तकसीम

खातून-ए- जन्नत हजरत सय्यदह फातिमा ज़हरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया अल्लाह तआला सुबह सादिक से लेकर तुलू-ए-आफताब तक अपने बन्दों को रिजक तकसीम करता है। (बेहकी)

नेक नियती का फायदा

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, अगर किसी ने नेकी कि नियत कि, लेकिन नेकी उस से हुई नहीं,तब भी एक नेकी लिख दी गयी। (बुखारी व मुस्लिम)

एहसान को छुपाना कुफराने नेमत है

हजरत जाबिर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जिसने मुहसिन की तारीफ की उसने एहसान का शुक्रिया अदा करदिया जिसने मुहसिन के एहसान को छुपाया उसने कुफराने नेमत किया । (तिरमिज़ी)

नाप तोल में कमी न करने की हिदायत

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) पैमाना और तराजू रखने वाले को नसीहत फरमाते के, नाप तोल में कमी न करो। (तिरमिज़ी)

आपसी अदावत का नुक़्सान

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, लोगों के आमाल हफ्ता मे दो मर्तबा पीर और जुमेरात को अल्लाह तआला के सामने पेश होते है। अल्लाह तआला सब मुसलमान बन्दों को बख्श देता है, सिवाए उस के जिसकी क

फितना व फसाद से बचने का फायदा

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया,
फितना व फसाद के ज़माने में जो शख्स मेरी सुन्नत पे मजबूती से काइम रहेगा, उसको सौ शहीदों का सवाब मिलेगा। (बेहकी)

बेहतरीन शख्स कौन है?

हजरत अबू सईद खुदरी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, बेहतरीन शख्स वो है, जो अल्लाह से डरता है, और लोगों को अपने शर से महफूज़ रखता है। (बुखारी व मुस्लिम)

गरीबों के साथ बेहतर सुलूक का फायदा

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, किसी गरीब मुसलमान को कपडा पहनाने वाले उस वक़्त तक अल्लाह के परदे में है जब तक गरीब के बदन पर उस कपडे का एक तार भी मौजूद है। (हाकिम)

गुस्से पर का़बू रखने का इनाम

हजरत मआज बिन अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो शख्स कुदरत रखने के बावजूद गुस्सा पी गया, तो कयामत में अल्लाह उसे इख्तियार देगा के वो जिस हूर को चाहे पसंद करले। (अबू दाऊद)

भले होने की गवाही

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, कोई शख्स मरता है और उसके चार पड़ोसि उसके भले होने की गवाही देते हैं, तो अल्लाह तआला फरमाता है, मैं ने तुम्हारी शहादत कुबूल करली,और जिन बातों का तुम्हें इल्म न था