ख़ानक़ाहें तर्बीयत‍ ओ‍ किरदार साज़ी के मराकीज़

ज़ेर तरबियत अफ़राद से मुहब्बत रखना और उन की ख़ुशी को अपनी ख़ुशी जानना और उन के दुख दर्द को अपना दुख दर्द समझना और उन की दिलजोई का सामान करना ,अमली तौर पर इन से कुछ कोताहियां होरही होँ तो हकीमाना उस्लूब इख़तेयार करके उन को मौक़ा व महल की

मस्लें , मसाइल‌

* ग़ैर मुस्लिम को मकान या मिलगी किराया पर देना
सवाल: कया फ़रमाते हैं उलमा ए दीन इस मसला में कि एक मुसल्मान सिख या ग़ैर मुस्लिम को अप्नी मिलगी किराया पर दे सकता है या नहीं?।

जहेज़ के भिकारी

आज मुस्लिम मुआशरा (नागरीक्ता) में जहेज़ के नाम पर लूट खसूट पूरी शिद्दत से जारी है। जहेज़ की लानत और रस्म-ओ-रिवाज की बिद्दतों से मुतास्सिर मुस्लिम मुआशरा की इस्लाह की कोई सूरत नज़र नहीं आती। चाहे अमीर हो या ग़रीब, आलिम हो या जाहिल, सभी का

नेक सोहबत नेक बनाती है

क़ुदरत ख़ुदावंदी ने इंसान को मुख़्तलिफ़ आदात-ओ-अत्वार पर पैदा किया और इस की तबीयत के अंदर तनव्वो का ऐसा माद्दा वदीअत किया, जिस से इंसान दीगर हैवानात से मुमताज़ है। गोया दूसरे अलफ़ाज़ में ये कहा जा सकता है कि इंसानी तबीयत को क़रार नहीं, व

मुहम्मद स.व. की शरीयत,दूनिया भर मे सूख‍ ओ‍ शान्ती की ज़ामिन

इस्लाम से मुराद ख़ालिक़ और मख़लूक़ से पुरअमन ताल्लुक़ है। अहकाम इलाहि के तहत इंसानों के साथ भलाई करना एक नेक नसब उल‍एन है, जो इंसान के दिल-ओ-दिमाग़ को मुतमइन करता है।

अक़ीदा ख़त्म ए नबुव्वत की मोजिज़ाना शान (चमत्कारीक हैसियत)

क़ुरान मजीद, रसूल अल्लाह स.व. के तमाम चमत्कारों में एक ज़िंदा जावेद चमत्कार‌ है। अल्लाह ताला ने ख़ुद उस की रख्शा का वादा फ़रमाया है, इस लिए आँ हज़रत स.व.

जीवन भर लक्वा ओर डराउने स्वप्नों से सूरख्शा

रात में सोते वक़्त एक बार आयत ५४ पारा ८ सूरा आराफ़ यानी ’’ان ربکماللہ الذی خلق السموت والارض فی ستۃ ایام ثم استویٰ علی العرش یغشی اللیل والنھار یطلبہ حثیثا والشمس والقمر والنجوم مسخرات بامرہ الالہ الخلق والامر تبارک اللہ رب العالمین o‘‘ पढ़कर सोने की आदत डालिए। इस तरह की आदत से उम्र भर ल

स्वप्नों का नतीजा

वे स्वप्नें जिन का कोई नतीजा ना हो उन की सात किस्में हैं।
(1) : हदीस उल-नफ़स, वहम , तमन्ना और अस्ग़ास।
(2) : एहतिलाम है( सोते में वीर्य स्खलन होना) जिस की वजह से इंसान पर स्नान करना अवश्यक होजाता है।

कंकरियों का कलिमा पढ़कर पेगंबरी की गवाही देना

हुज़ूर खत्मी मर्तबत (स.व.) को हक़ ताला ने सीर‌ ता पा पैकर मोजिज़ा बनाकर मबऊस फ़रमाया। आप की एक एक बात मोजिज़ा। आप की हर हर अदा मोजिज़ा बल्कि आप किसी शए पर निगाह करम फ़र्मा दें तो वो भी मज़हर मोजिज़ा बन जाय। मौलाना रोम हुज़ूर (स.व.) के एक मोजिज़ा का ज

सांप्रदायीक दंगें एक साजिश नम्रता ओर दूर दर्शीता के साथ काम्याब इक्दाम की ज़रूरत

दूनीया भर मे मुसल्मान ज़ुल्म-ओ-ज़्यादती, क़तल-ओ-ख़ून, जांबदारी और तास्सुब का शिकार हैं। हर तरफ़ से इस्लाम और मुसल्मानों के ख़िलाफ़ नफ़रत-ओ-अदावत के लावे फूट रहे हैं। उसामा बिन लादन को वर्ल्ड ट्रेड सैंटर पर हमला का ज़िम्मेदार क़रार देते हु

सतीत्व‌ की रख्शा पर दुनिया में ईश्वर की मदद‌ और परलोक‌ में काम्याबी

हज़रत यूसुफ़ अलैहि स्सलाम को भाईयों ने कुँवें में डाल दिया तो एक क़ाफ़ला वालों ने इन को ग़ुलाम बना लिया और शहर मिस्र में आकर उन को बेच दिया । हज़रत यूसुफ़ अलैहि स्सलाम की लड़कपन की उम्र थी । मिस्र में इन का अपना रिश्तेदार या दोस्त कोई न

हज के लिए पासपोर्ट अदालत 20 अप्रैल तक मुल्तवी

हज दरख़ास्तों के इदख़ाल की तारीख में 16 अप्रैल से 25 अप्रैल तक तौसीअ के पेश नज़र आज़मीन हज के लिए पासपोर्ट अदालत जो 14 अप्रैल को रीजनल पासपोर्ट ऑफ़िस सिकंदराबाद में मुनाक़िद होने वाली थी 20 अप्रैल तक मुल्तवी करदी गई है ।

ईश्वर मूहब्बत पेदा कर देगा

वास्तव में ईश्वर‌ तुम्हारे ओर उन के बिच‌ जिन से तुम (उस की रज़ा के लिए) दुश्मनी रखते हो मुहब्बत पैदा कर‌ देगा। ओर ईश्वर‌ बड़ी शक्ती वाला है। ओर ईश्वर शमावान ओर दयालू है । (सूरा मूम्तहीना)

मज़हब साईंस और इस्लाम

इस सिलसिले में सब से पहले दो बातें ज़हन मे रख लेनी चाहीए। क़ुरान कहता है कि कायनात हस्ती के जिस गोशे पर नज़र डालोगे, इन में एक हक़ीक़त उभरी हुई दिखाई देगी, बशर्तिके देखने से इंकार ना करो। वो किया है?

हिफ़्ज़ान-ए-सेहत और अहकामात नबवी स.व.

परहेज़ ईलाज से बेहतर है। आज सारी दुनिया के इदारे इस तरफ़ तवज्जा दे रहे हैं और हर मैडीकल कॉलेज में कम्यूनीटी मैडीसन के नाम से एक शोबा क़ायम है। पूरी दुनिया में लाखों डालर इस काम पर ख़र्च हो रहे हैं और कोशिश ये हो रही है कि परहेज़ और एहतिया

वीवाह के लीए लड्की ओर लड्के को केसे चूने

इस्लाम ने वीवाह‌ को मुक़द्दस क़रार दिया है। वीवाह‌ के ज़रीया जब मर्द और औरत अल्लाह ताला की हिक्मत-ओ-मस्लिहत के मुताबिक़ मनूष्य जाती को बाकी रख्ने का ज़रीया और एक सालेह मुआशरा (पवीत्र नागरीक्ता) को वूजूद में लाने का बाइस बनते हैं तो गोया

बच्चा माता पीता के पास अमानत (न्यास) हे

मनूष्य के ज़िवम‌ में बचपन का जमाना बहूत अच्छा थोडा लंबा और बहुत अहम होता है । इसी दौर में माता पीता अपनी औलाद को संस्कारी बनाने के लिए संस्कार‌और स्वभाव से सबंधीत बातों का बीज बो सकतें हें क्योंकि इस मूद्द‌त‌ में ज़हन आलूदगी से पाक ह

पवीत्रता वीलायत की शरत हे

अल्लाह रब लईज्ज़त ने क़ुरान मजीद में नेक बंदों की सिफ़ात ब्यान करते हुए इरशाद फ़रमाया और जो जीना नहीं करते (सूरा फुर्क़ान।६) इस से मालूम हुवा कि औलिया अल्लाह जिना से बचते हैं।

बगेर ओप्रेशन के ज़चगी का आसान ईलाज

जब भी ज़चगी का वक़्त आ जाए तो हामिला पर सूरा फ़ातिहा, आयत‌ उल-कुर्सी, आयत ५४ सूरा आराफ़ यानी (’)ان ربکم اللہ الذی خلق السموت والارض فی ستۃ ایام ثم استوی علی العرش یغشی اللیل والنھار یطلبہ حثیثا والشمس والقمر والنجوم مسخرات بامرہ الالہ الخلق والامر تبارک اللہ رب العالمین o‘‘। सूरा फ़लक़, सूरा न