हदीस शरीफ

हज़रत इबन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो का ब्यान है कि हज़रत अबू बकर सिद्दीक़ रज़ी अल्लाहो तआला अनहो ने फ़रमाया रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) की ख़ुशनुदी आप के अहल-ए-बैत की मुहब्बत में है । (बुख़ारी शरीफ़)

हदीस शरीफ

हज़रत अली रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया हर नमाज़ के बाद आयत उल-कुर्सी पढ़ने वाला अगर दूसरी नमाज़ के वक़्त से पहले मर जाय तो जन्नत में जाएगा । (बीहक़ी)

हदीस शरीफ

हज़रत अनस रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया घर में नमाज़ पढ़ कर घरों को भी फ़ज़ीलत दो । (इबन ख़ुज़ैमा)

हदीस शरीफ

हज़रत अबू सईद बिन मुअल्ला रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने एक सहाबी से फ़रमाया मैं तुम्हें एक सूरत सिखाता हूँ जो सवाब में तमाम सूरतों से बड़ी है फिर आप ने सूरा फ़ातिहा की तालीम की । (बुख़ारी शरीफ़)

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया हर चीज़ की एक बुलंदी होती है क़ुरआन की बुलंदी सूरा बक़्र है गोया ये क़ुरआन का कोहान है , इस में एक आयत तो तमाम आयतों की सरदार है (इस आयत से मुराद आय

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया लोगो अपने घरों को मक़बरा ना बनाओ देखो जिस घर में सूरा बक़्र पढ़ी जाती है उस घर से शैतान भाग जाता है । (मुस्लिम शरीफ़)

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया क़ुरआन में तीस आयतों की एक सूरत है इस सूरत ने एक शख़्स की शफ़ाअत की यहां तक कि अल्लाह तआला ने उसे बख़श दिया ये सूरत ताबराकल्लज़ी है । (मुस्लिम शरीफ

हदीस शरीफ

हज़रत जुनदब रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जिस ने किसी रात में अल्लाह के लिए सूरा यासीन पढ़ी तो वो बख्शा गया । (मौता इमाम मालिक)

हदीस शरीफ

हज़रत अबू अय्यूब रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जिस ने क़ुल हो वल्लाहु अह्द पढ़ी उस ने क़ुरआन का तीसरा हिस्सा पढ़ा । (मुस्लिम शरीफ़)

हदीस शरीफ

हज़रत आईशा सिद्दीक़ा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया क़ुल हो वल्लाह की मुहब्बत तुझ को जन्नत में दाख़िल करेगी । (तिरमिज़ी शरीफ़)

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हज़रत अबदुल्लाह बिन मसऊद रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जिस ने हर रात में सूरा मुल्क को पढ़ा वो अज़ाब-ए- क़ब्र से बचा लिया गया । (नसाई)

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया सदक़ा करने से माल कम नहीं होता , ख़ता माफ़ करदेने वालों की इज़्ज़त बढ़ाई जाती है , तवाज़ो करने वालों का मर्तबा बुलंद करदिया जाता है । (मुस्लिम शरीफ

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जब कोई शख़्स सदक़ा देता है चाहे वो खजूर के बराबर ही क्यों ना होतो अल्लाह तआला इस सदक़ा को अपने हाथ में लेता है,

हदीस शरीफ

हज़रत अनस बिन मालिक रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया सदक़ा अल्लाह के ग़ज़ब को बुझाता है और इंसान को बुरी मौत से बचाता है । (तिरमिज़ी शरीफ़)

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हज़रत उक़बा बिन आमिर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया क़ियामत के दिन जब तक लोग हिसाब में मुबतला रहेंगे उस वक़्त तक सदक़े देने वाले अपने सदक़ा के साया में रहेंगे । (अहमद बिन ख़ुज़ैमा)

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हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जो शख़्स इस तरह छुपा कर सदक़ा देता है कि सीधे हाथ की ख़बर बाएं हाथ को नहीं होती तो ये शख़्स क़ियामत में अर्श ऐलाही के साया में होगा । (बुख़ारी शरीफ

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हज़रत अबू ज़र रज़ी अल्लाहो तआला अनहो ने रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) से दरयाफ़त किया अफ़ज़ल सदक़ा किया है , इरशाद हुवा छुपा कर देना । (मस्नद अहमद)

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हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया एक दिरहम एक लाख दिरहम से बढ़ गया किसी ने दरयाफ़त क्या ये किस तरह ,

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हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया हर चीज़ का जोड़ा देने वाला जन्नती है इस के लिए जन्नत के आठों दरवाज़े खुले हुए हैं (मतलब ये है कि जो चीज़ ख़ैरात करता है दोहरी करता है , रोटी देता है त

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया हर सुबह को दो फ़रिश्ते आसमान से उतर कर ये दुआ करते हैं , एक कहता है इलाही नेक कामों में ख़र्च करने वालों को ज़्यादा दे , दूसरा कहता है बख़ील (कनजूस) क