मक्का मुकर्रमा में दावत् कान्फ़्रैंस
सदीयों से आलम इस्लाम की रविष ये है कि इस ने हरीफ़ के लिए कोई चैलेंज पैदा ना किया बल्कि हमेशा एक के बाद दूसरे का सामना करता रहा। इस्लाम और मुस्लमानों के ख़िलाफ़ इंसानी ज़हन ने तास्सुबात और तफ़क्कुरात के ज़रीया हर दौर में मुहिम चलाई है आज क