हदीस शरीफ

हज़रत अनस बिन मालिक रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया सदक़ा अल्लाह के ग़ज़ब को बुझाता है और इंसान को बुरी मौत से बचाता है । (तिरमिज़ी शरीफ़)

हदीस शरीफ

हज़रत जरीर बिन अब्दुल्लाह रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया अल्लाह तआला उस शख्स पर रहम नहीं करता जो लोगों पर रहमत व शफ़क़त न करे (बुखारी शरीफ)

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया बेवा औरतों और मसाकीन (गरीबों) की इमदाद (मदद) करने वाला उस शब् बेदार (रात में जागने वाले) की तरह है जो ख़ुलूस के साथ रोज़े रखता है। (मुस्लिम शरीफ)

हदीस शरीफ

हज़रत अबदुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया लोगो तुम सफ़ेद कपड़े पहना करो , सफ़ेद कपड़ा एक अच्छी चीज़ है । इस में अपने मुर्दों को कफ़न दिया करो । (अबू दाउद)

हदीस शरीफ

हज़रत अनस रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया ऐ अल्लाह मुझ को मिस्कीन (गरीब) बना कर रख मिस्कीनी(गरीबी) के हालात में उठा और मिस्कीनो के जुमरा (ग्रुप) में मेरा हश्र कर (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जो शख्स अपने माल की हेफाज़त करते हुवे क़त्ल किया जाए वो शहीद है (बुखारी शरीफ)

हदीस शरीफ

हज़रत आईशा सिद्दीका रज़ी अल्लाहो तआला अनहा से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जिस को नरमी का हिस्सा ना मिला उसे दुनिया व आखिरत की भलाई के हिस्से से भी महरूम रख्खा गया (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत जरीर बिन अब्दुल्लाह रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) से दरयाफ्त किया गया, किसी अजनबी औरत पर नज़र पड़ जाये तो किया हुक्म है ? इरशाद हुवा “फ़ौरन नज़र फेर लो’’ (मिश्कात शरीफ)

हदीस शरीफ

हज़रत अमर बिन आस रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जिस कौम में जना फैल जाता है उस कौम को कहत पकड़ लेता है और जिस कौम में रिश्वत फैल जाती है वो बुजदिल हो जाता है (मिश्कात शरीफ)

हदीस शरीफ

हज़रात अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया तुमने ऐसी कोई चीज़ निकाह के सिवा न देखि हो गी जो दो शख्सों के माबैन इतने दर्जे की मोहब्बत पैदा कर दे (इब्न माजा)

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया उस शख्स की मदद अल्लाह तआला पर वाजिब है जिसने जीना से बचने निकाह किया। (तिरमिज़ी शरीफ़)

हदीस शरीफ

हज़रत अनस बिन मालिक रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया अपने कामों को तदबीर के साथ करो अगर इसका अंजाम अच्छा नज़र आये तो कर डालो (मिस्कात शरीफ)

हदीस शरीफ

हज़रत जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जब कोई शख्स कोई बात (जिसे वो राज़ रखना चाहता है) कहे और फिर वो चला जाये तो वो बात अमानत है। (तिरमिज़ी शरीफ)

हदीस शरीफ

हज़रत अबदुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहो तआला अनहो फ़रमाते हैं कि हज़रत अली रज़ी अल्लाहो तआला अनहो ने हज़रत उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो के लिए दोआए रहमत की और फ़रमाया आप के बाद कोई ऐसा शख़्स नहीं जो मुझे आप के बराबर महबूब हो कि वो अ

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया तुम से पहले लोगों यानी बनी इसराईल में ऐसे लोग भी हुआ करते थे जिन के साथ अल्लाह तआला की तरफ़ से कलाम फ़रमाया जाता था हालाँ कि वो नबी ना थे , अगर इन में

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हज़रत साद बिन अबी वक़ास रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने हज़रत अली रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से फ़रमाया क्या तुम इस बात पर राज़ी नहीं कि मेरे साथ तुम्हारी वही निसबत हो जो हज़रत हारू (अ) को हज़रत मूसा (अ) से थी। (

हदीस शरीफ

हज़रत इब्न अब्बास रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने जब यौम आशूरा का रोज़ा रखा और इस दिन का रोज़ा रखने का हुक्म इरशाद फ़रमाया तो सहाबा किराम ने अर्ज़ क्या या रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ये तो वो दिन है जिस दिन की यहूद-ओ

हदीस शरीफ

हज़रत अनस रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया क़ियामत में जब अहले मह्शर से हिसाब-ओ-किताब लिया जा रहा होगा तो लोगों का एक ज़म्म-ए-ग़फ़ीर तलवारें कंधों पर रखे हुए जन्नत के दरवाज़े पर पहूंचेगा उन लोगों क

हदीस शरीफ

रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया कि मैं शयातीन इनस-ओ-जिन को देख रहा हूँ कि वो उमर रज़ी अल्लाहो तआला (के डर) से भाग खड़े हुए हैं । (तिरमिज़ी शरीफ़ )

हदीस शरीफ

हज़रत जाबिर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जिस शख़्स ने कोई कुँआं खुदवाया और इस कुँवें से किसी प्यासे ने प्यास बुझाई तो ये कुँआं खुदवाने वाला बहुत बड़े अज्र का मुस्तहिक़ है और जिस ने कोई मस्जिद