मुझ को भी पढ़ किताब हूँ मज़मून ख़ास हूँ
सब से पहले में क़ारईन को एक ज़िंदा ज़बान की हरकियाती ख़ुसूसीयात के बारे में चंद अहम असरी मालूमात पहुंचाना चाहूंगा ताकि उर्दू के असातिज़ा इस पर ग़ौर करें । ये ज़बान ज़ाहिर है अंग्रेज़ी के सिवा और कोई दूसरी हो नहीं सकती। अंग्रेज़ी ज़बान की क़दी