तारीख़ी पुराना पुल पर भी नाजायज़ क़बज़े , पहलवान का राज
हैदराबाद शहर ज़माना-ए-क़दीम ही से हर बदलते हुए रुजहान के साथ साथ रहा । ख़ासकर यहां के हुकमरानों ने रियाया का ज़्यादा और ख़ास ख़्याल रखा ।
हैदराबाद शहर ज़माना-ए-क़दीम ही से हर बदलते हुए रुजहान के साथ साथ रहा । ख़ासकर यहां के हुकमरानों ने रियाया का ज़्यादा और ख़ास ख़्याल रखा ।
तलंगाना की तशकील के लिए यूं तो पहले भी कई तारीखें दी गईं। तारीख़ गुज़रती गईं सरकारी मुलाज़मीन ने नई तारीख़ का ताय्युन किए बगै़र ही अपनी 42 रोज़ा तवील तारीख़ी हड़ताल को ख़तम करके एक नई तारीख़ बना दी।
बिन ग़ाज़ी (लीबिया), 25 अक्तूबर (राईटर) लीबिया में नई हुकूमत के क़ानून इस्लामी शरीयत पर मबनी होंगी। क़ौमी उबूरी कौंसल के सरबराह मुस्तफ़ा अबदुलजलील ने सजदा शुक्र बजा लाने के बाद अवाम से ख़िताब करते हुए में सब से अपील करता हूँ कि वो माफ़ी, रवाद
इलम के हुसूल का लाज़िमी क़ानून इस्लाम ने पेश किया मौलाना सय्यद सलमान हुसैनी नदवी मौलाना ख़ालिद सैफ-उल्लाह रहमानी मौलाना अबदुर्रहीम क़ुरैशी और दीगर ख़िताब
किसी भी बात की या किसी भी फ़ैसला की एक हद होती है हिंदूस्तान एक जमहूरी मुल्क है । जमहूरीयत मैं हुकूमतें अवाम की होती हैं और अवाम केलिए बनाई जाती हैं और अवाम की आवाज़ के लिए होती हैं ।
अमरीका को एशियाई मुल्कों में सब से ज़्यादा दिलचस्पी है। अफ़्ग़ानिस्तान की जंग के बाद पाकिस्तान पर सख़्त गीर मौक़िफ़ इख़तियार करके ये अंदेशा पैदा कर दिया है कि दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ आलमी जंग का साथ देने वाले मलिक को भी वो नहीं बख़्शेगा।
ये मासूम लड़की सड़क के किनारा तमाशा और करतब दिखा कर जिस में इस की जान को ख़तरा भी है । अपने और ख़ानदान के अफ़राद की कफ़ालत करती है । अफ़सोस इन नौजवानों पर है जो फ़ुज़ूल और बे मक़सद अंदाज़ में अपना वक़्त गुज़ारते हैं । इस छोटी सी लड़की की मेहनत मशक़
मशरिक़ वुसता में ईसराईलीयों की सलामती केलिए आलमी ताक़तें हर मुम्किना मदद करने तैय्यार हैं। इस यहूदी मुल़्क की बक़ा का दार-ओ-मदार आलिम अरब के रहम-ओ-करम पर है, मगर आलिम अरब की अपनी नादानियां या मजबूरियां हैं कि इन की सरज़मीन पर यहूदीयो
मुंबई, 19 अक्टूबर,( एजैंसीज़ ) राष्ट्रीय स्वयम् सेवक संघ ( आर एस एस) की नज़रें अब नौजवानों पर टिकी हुई हैं।
मर्कज़ की हुक्मराँ पार्टी के क़ुव्वते अमल को इस की हेमाक़तों, बदउनवानीयों और एस्क़ामस ने कमज़ोर करदिया है। इस का सबूत मुल्क में ज़िमनी इंतिख़ाबात के नतीजा से मिलता है। पिर के दिन ऐलान करदा ज़िमनी इंतिख़ाबात के नताइज में कांग्रेस को
दुनिया भर में जो ममालिक अमरीका की गु़लामी और बालादस्ती में सांस ले रहे थे, उन्हों ने 9/11 के बाद दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ उस की जंग का हिस्सा बन कर मईशत को तबाही के दहाने पर ले जाते हुए मआशी अदम इस्तिहकाम और ग़ुर्बत, भूक, फ़ाक़ाकशी, बेरोज़गारी
सेयासी क़ुव्वत को अपनी बदउनवानीयों की पर्दापोशी के लिए इस्तिमाल किया जाय तो क़ानून अपना काम कर दिखाता है। जुनूबी हिंद में बी जे पी की पहली हुकूमत क़ायम करने का सेहरा अपने सर पर सजाने वाले साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर बी ऐस यदि यूरप्पा ने
हिंदूस्तान में रिश्वत की तारीख़ का धारा कुछ इस तरह बह रहा है कि हर सेयासी पार्टी इस बुराई को अपनी कामयाबी की बुनियाद बना रही है। कुरप्शन के ख़िलाफ़ एहतिजाज करते हुए मुल्क गीर सतह पर अवाम में बेदारी पैदा करने की ग़रज़ से बी जे पी के सीन
हिंदूस्तान और तुर्की के ताल्लुक़ात देरीना हैं। नायब सदरे जमहूरीया हामिद अंसारी ने अपने दौरा के मौक़ा पर दोनों मुल्कों की सदीयों क़दीम तहज़ीबी, सक़ाफ़्ती और तिजारती रवाबित का तज़किरा किया। बिलाशुबा आलमी सतह पर तुर्की एक मुनफ़रद इमतिय
हिंद । वैतनाम ताअल्लुक़ात को फ़रोग़ देने के लिए एशियाई ख़ित्ता की सरहद को उबूर करते हुए पहली मर्तबा सदर वैतनाम ने दौरा किया। दोनों जानिब ताअल्लुक़ात के लिए जिन तक़ाज़ों को पूरा करना था इन में तिजारती मुआहिदे शामिल हैं। वैतनाम जिस ने अ
रिश्वत के ख़िलाफ़ अब तक कई जंगें लड़ी जा चुकी हैं। बी जे पी के सीनीयर लीडर अडवानी ने भी अनाहज़ारे की जंग से हौसला पाकर रिश्वत के ख़िलाफ़ ओमी बेदारी और बैरूनी मुल्कों में जमा काले धन को वापिस लाने के ले रथ यात्रा निकाली है। इस यात्रा के कई
दुनिया भर में टैक्नालोजी का फ़रोग़ (तरक़्क़ी) ख़ासकर सीलोर फ़ोनज़ आटो मोबाईलज़, इलैक्ट्रॉनिक अशीया वग़ैरा की बला नज़ीर तलब की वजह से माहिरीन टैक्नालोजी इस शोबा में ख़ुसूसी तवज्जा दे रहे हैं। रूस और चीन के दरमयान भी हालिया टैक्नालोजी
गवर्नर आंधरा प्रदेश ई ऐस ईल नरसिम्हन की दिल्ली आमद और चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी की फ़ौरी दार-उल-हकूमत तलबी के बाद उम्मीद पैदा हुई थी कि तिलंगाना मसला की यकसूई होजाएगी या रियासत की सूरत-ए-हाल का बहाना बनाकर सदर राज नाफ़िज़ किया ज
हक़े मालूमात क़ानून के ज़रीया सेयासी, समाजी और इंसानी हुक़ूक़ की तंज़ीमों ने कई सरकारी फ़ैसलों से जानकारी हासिल की इस से कई बड़े एस्क़ामस और बदउनवानीयों का पता चला, कमपेटरोलर ऐंड आडीटर जनरल से लेकर मुख़्तलिफ़ सरकारी महिकमों में होनेवा
मर्कज़ी हुक्मराँ जमात मुस्लमानों को इस वक़्त याद करती है जब उसे वोट लेना होता है। उत्तरप्रदेश के इलावा दीगर रियास्तों में आइन्दा असैंबली इंतिख़ाबात के पेशे नज़र मुस्लमानों की बहबूद की फ़िक्र का मुज़ाहरा करनेवाली कांग्रेस ज़ेर-ए-क़ि